केदारनाथ यात्रा के दौरान होने वाली घटनाएँ

केदारनाथ यात्रा के दौरान होने वाली कुछ महत्वपूर्ण संकट

केदारनाथ यात्रा (kedarnath yatra) के दौरान कुछ ऐसी महत्वपूर्ण बातें है, जिस पे आपको ध्यान देना चाहिए नही तो आपके साथ केदारनाथ यात्रा के दौरान कुछ घटना भी घट सकती है, जिस से आपको कुछ होने का डर भी होता है। 

अगर आप अकेले यात्रा करने जा रहे है तब तो, आपको बहुत ही ज्यादा ध्यान रखना परता है, क्योंकि केदारनाथ यात्रा बहुत ही खतरनाक यात्रा मे से एक जहाँ पे यात्रा करना काफी ही मुसकिल है, इसके बाद पे भक्त केदारनाथ यात्रा करने जाते है, क्योंकि उन्हे पता है, भगवान शिव उनके रक्षा के हमेशा वही पे मौजूद है, जो उन्हे कुछ नही होने देंगे पर उसके बाद भी हमे भी ध्यान रखना परता है, की कुछ हो न जाए, क्योंकि वहाँ पे रोज नए-नए मुसीबत आती रहती है, जिसके कारण भक्त को वहाँ जाने मे भी डर लगता है, लेकिन आज के समय मे ऐसी बहुत सी कंपनी है, जो की आपकी केदारनाथ की यात्रा करने मे काफी मदद करती है, और साथ ही आपको शुभ यात्रा करने की वादा कराते है, क्योंकि वहाँ पूरे समय यात्रा करना भी सही नही है, पहले तो केदारनाथ मंदिर साल के 6 माह के लिए ही खुले होते है, क्योंकि बाकी की माह मे यहाँ पे इतनी ठंडी होती है, की आपको ये ठंडी जमाने के शक्ति रखती है, जिसके कारण यहाँ के मंदिर बस 6 माह के लिए ही खुले खुले होते है, केदारनाथ मंदिर की माने तो यहाँ पे आज भी भगवान शिव 6 माह के लिए घूमने आते है, जब केदारनाथ मंदिर के पट बंद होते है, और बाकी के 6 माह भक्त भगवान शिव के दर्शन कर सकते है, जिस से 2 महीने भी लगातार वर्षा होने के कारण यहाँ पे काफी भक्तो की जान जाने की समाचार सुनने को मिलता है, जिस से हमारी सरकारी अब नियम लागू कर दी है, की अगर आपको केदारनाथ मंदिर की दर्शन करने जाना है, तो आपको सबसे पहले सरकारी वैबसाइट से अपना पंजीकरण करना होगा, जिस से हमारे सरकार को ये पता चल सके की केदारनाथ मे यात्रा करने के लिए कितने भक्त गए, और कितने को बचा लिया गया है, और कितने बाकी है, इस से हमारी सरकार को बहुत आसानी हो जाती है, और वो अपना काम और भी ज्यादा जल्दी करती है। 

और वही आप किसी कंपनी के साथ केदारनाथ की यात्रा करते हो, तो आप बिलकुल सुरक्षित रहते हो, क्योंकि वो लोग आपको मार्गदर्शक देते है, जो की इन सभी रास्तो के बारे मे बहुत अच्छे से जानते है, और आप की यात्रा मे बहुत मे मदद करते है, की आपको अब कहाँ जाना है, और कहाँ नही, वो लोग आपको बताते जाएंगे की अभी कोन सा रास्ता सुरक्षित है, और वो लोग आपको उसी रास्ते से ले जाते है, जो की सुरक्षित हो, क्योंकि उनकी सबसे पहला काम अपने ग्राहक की जान को बचाना होता है, उसके बाद ही कोई काम होता है। इस सभी बातों को ध्यान मे रख कोई भी कंपनी आगे की ओर बढ़ती है, जो की बहुत ही जरूरी है, क्योंकि आपको ऐसी कुछ घटना सुनने को मिल जागेगी, जो की बहुत ही बुरा हादशा हुआ रहता है, क्योंकि वो लोग खुद से ही यात्रा करने चले जाते है, किसी भी जानकारी के जिसके वजह से उनके साथ बहुत ही बुरा हादशा होता है, जिसकी वजह वो खुद होते है, क्योंकि उन्हे केदारनाथ मंदिर की पूरी जानकारी नही होती है, इस लेख के माध्यम से आज हम आपलोगो को कुछ महत्वपूर्ण जानकारी मिलेंगी, जिस से आप के साथ ऐसा दुर्घटना न घटे, वैसे तो केदारनाथ मे ये दुर्घटना न कभी-कभी ही घटती है, पर जब भी घटती है, तो बहुत ही भयानक होती है, जिसमे बहुत सारे भक्तों की जान तक चली जाती है, जिसके कारण भक्त केदारनाथ यात्रा (kedarnath yatra package) पैकेज का उपयोग कर के अपना यात्रा करना पसंद करते है, जिस से उनकी डर कुछ हद तक कम हो जाती है। अब बात करते है कुछ महत्वपूर्ण जानकारी के बारे मे जो की केदारनाथ मंदिर की है। 

केदारनाथ मंदिर

केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र मे हिमालय की गोद मे छिपा हुआ है, जो की समुद्र के स्तर से लगभग 3582 मिटर की ऊंचाई पे स्थित है, इस मंदिर के बारे मे कहा जाता है, की केदारनाथ मंदिर पंच केदार (panch kedar), 12 ज्योतृलिंगा (12 jyotrilinga), दोधाम यात्रा (dodham yatra) और छोटा चारधाम यात्रा (chardham yatra) का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है, जहाँ पे यात्रा हर साल यात्रा करने जाते है, और वो अपनी मनोकामना मांगते है, जो की उनकी मनोकामना पूर्ण भी हो जाती है, केदारनाथ मंदिर के बारे मे कहा जाता है, की ये मंदिर कई सालों से बर्फ से चादर ओढ़े हिमालय की गोद मे छुपा हुआ था, जिसके बाद भी इस मंदिर को कुछ नही हुआ, जो की नामुमकिन है, अगर हमलोग अपने देश की वैज्ञानिक की सुने तो उनकी विज्ञान कुछ और ही कहती है, वही यहाँ के पंडित की सुने तो उनका मानना है, ये भगवान शिव के कई चमत्कार मे से एक बहुत ही प्रचलित चमत्कार है, जिसकी कथा आप यहाँ पे लगभग सभी के मुख से सुनने को मिलती है, साथ मे आपको ये भी सुनने को मिलती है की इस मंदिर का निर्माण पांडव द्वारा किया गया है, क्योंकि उनसे एक बहुत ही बड़ा पाप हो गया था, जिसका प्र्याश्चित करने के लिए पांडव ने केदारनाथ मंदिर का निर्माण किया था, पांडव ने तो निर्माण पंच केदार का किया था, जिस मे केदारनाथ मंदिर भी एक है, जहाँ पे भगवान शिव की पीठ की आराधना की जाती है, वही और दूसरे मंदिरों मे भगवान शिव के दूसरों अंगों की आराधना की जाती है, जैसे: तुंगनाथ मे भुजा, मध्यमहेश्वर में नाभी, रुद्रनाथ मे मुख और कलपेश्वर मे जटा।    

  


abhishek01

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